wellcome to nitinisking

jai shree raam

रविवार, जनवरी 17, 2016

startup india ( स्टार्टअप इंडिया)

क्या है स्टार्टअप इंडिया? इसे देश में क्या होंगे बदलाव, जानिए बड़ी बातें


नयी सोच _ युवाओं को प्रोत्साहित करने और जमीनी स्तर पर उन्हें सुविधाएं जुटाने में सहायता करने लिये मोदी सरकार की योजना 'स्टार्ट अप इंडिया' की शुरुआत हो गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार सुबह अभियान का शुभारंभ किया. स्टार्ट अप इडिंया स्टैंड अप इंडिया की औपचारिक शुरुआत हो गई है. योजना की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि देश में लाइसेंस राज को खत्म किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि 'स्टार्ट-अप इंडिया' पहल के लांच के बाद वह स्टार्ट-अप उद्यमियों से बातचीत करेंगे. मोदी ने ट्वीट किया, "आज शाम (शनिवार) 'स्टार्ट अप इंडिया' अभियान को शुरू करने के लिए कार्यक्रम में मौजूद रहूंगा. स्टार्ट-अप उद्यमियों से मुखातिब होने का इंतजार कर रहा हूं."
अपने दूसरे ट्वीट में मोदी ने लिखा, "सरकार का 'स्टार्ट-अप इंडिया' अभियान आज (शनिवार) से शुरू होने जा रहा है. यह अभियान युवाओं की ऊर्जा और उद्यमी भावना को दर्शाता है." इस योजना से देश में स्टार्टअप्स यानी नए कारोबारों को शुरू करने में सरकार की तरफ से मिलने वाली सहुलियतों का ऐलान हो सकता है.
अमेरिका की सिलिकॉन वैली के 40 सीईओ खास तौर से इस कार्यक्रम के लिए आ रहे है, जिसमें सॉफ्ट बैंक सीईओ मासायोसी सन, उबर फाउंडर ट्राविस कालानिक, वीवर्क फाउंडर एडम न्यूमैन भी शामिल होंगे. इसके अलावा सॉफ्टबैंक के प्रेसिडेंट नीकेश अरोड़ा, पेटीएम प्रमुख विजय शेखर शर्मा, स्नैपडील फाउंडर कुणाल बहल, ओला के फाउंडर भवेश अग्रवाल, गूगल के वाइस प्रेसिडेंट राजन आनंदन, फ्लिपकार्ट के फाउंडर सचिन बंसल और इनमोबी के फाउंडर नवीन तिवारी के भी हिस्सा लेने की उम्मीद है.
क्या है स्टार्टअप इंडिया? इसे देश में क्या होंगे बदलाव, जानिए बड़ी बातें
देश में स्टार्टअप की संख्या हर साल बढ़ रही है. साल 2010 में 480 स्टार्टअप शुरू हुए थे. इसके बाद संख्या बढ़ती गई. साल 2011 में 525, जबकि 2012 में 590 स्टार्टअप शुरू हुए. 2013 में 680 और फिर 2014 में 805 स्टार्टअप शुरू हुए. 2015 में ये आंकड़ा एक हजार के पार हो गया. इस साल सबसे ज्यादा यानी 1200 स्टार्टअप शुरू हुए.
देश मे स्टार्टअप शुरू करने का बेहतर समय है. दुनिया तेजी से बदल रही है. सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है. जाहिर है, आपका एक अच्छा आइडिया न सिर्फ बदलाव की वजह बन सकता है, बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार का अवसर बन सकता है. भारत में स्नैपडील, पेटीएम, फ्लिपकार्ट, ओयो रूम्स और ओला इसके उदाहरण हैं.
स्टार्टअप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना भी आसान बनाया जाएगा. मसलन, कोई भी स्टार्टअप वेबपोर्टल या मोबाइल App पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेगा. इसके अलावा नए कारोबारी को बिजनेस शुरू करने के लिए किन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होगी, क्या शर्तें पूरी करनी होगी, यह सब पोर्टल और App पर मौजूद होगा.
स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया युवा पीढी के लिए एक बहुत बड़ा अवसर लेकर आयी है.
स्टार्ट अप अभियान का मकसद निचले स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देना है.
इस योजना से देश में स्टार्टअप्स यानी नए कारोबारों को शुरू करने में सरकार की तरफ से मिलने वाली सहुलियतों का ऐलान हो सकता है.
छोटी बड़ी हर कंपनी स्टार्टअप में आना चाहती है इस योजना के तहत एक स्पेशल फंड रखा जाएगा. इस फंड से ऐसी महिलाओं और अनुसूचित जाति को स्टार्टअप के लिए मदद दी जाएगी. इसके लिए 8 हजार करोड़ के फंड को मंजूरी दी गई है.
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में स्टार्टअप की दुनिया की शुरुआत करने वाले की औसत उम्र 28 साल है. दुनिया भर के निवेशकों ये बात सबसे ज्यादा आकर्षित कर रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 4200 स्टार्टअप हैं और सरकार नई पॉलिसी के जरिए पांच साल बाद यानी साल 2020 तक देश में 11 हजार से ज्यादा स्टार्टअप तैयार होने की उम्मीद कर रही है.
नैसकॉम की साल 2015 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत स्टार्टअप के मामले में अमेरिका और ब्रिटेन के बाद दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच चुका है. स्टार्टअप की रफ्तार कुछ ऐसी है कि साल 2014 में 179 स्टार्टअप में 14500 करोड़ का निवेश हुआ जबकि 2015 में 400 स्टार्टअप में करीब 32 हजार करोड़ का निवेश हुआ है. यानि हर हफ्ते करीब 625 करोड़ रुपए.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें