wellcome to nitinisking

jai shree raam

सोमवार, जनवरी 09, 2012

मेहनत करो तो . दुनिया सब कुछ है पाना है आसन , दोलत , खुशिया प्यार ,इज्ज़त
पर मेहनत नहीं करोगे तो सब कुछ  cheen   भी लेती है ये दुनिया ,,,,
असल जिन्दगी मैं जीतता वो नहीं जो apne अंहम को साथ लेकर चले .
जीतता तो वो है जो गलतिय करे जिन्दगी म और उससे सबक सिख कर आगे बड़े
जो इन्सान जितनी गलतिय karta है उतना ही मजबूत banta है

रविवार, जनवरी 08, 2012

my india

........................nitin sharma.................................

सोमवार, जनवरी 02, 2012

कामयाबी उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है
पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है…
अगर जिंदगी में कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखते हो, तो सपने देखो, वह भी खुली आंख से. जिसने सपना ही नहीं देखा वह क्या खाक आगे बढ़ेगा. मेरा मानना है कि अगर आपको शिकार करने का शौक है, तो शेर का करिए, चूहे-बिल्ली, गीदड़ व अन्य छोटे-मोटे जानवर तो खुद ही भाग जाएंगे. अगर आप छोटे शिकार में अपना वक्त जाया करेंगे तो हो सकता है कि शेर किसी भी वक्त आपका काम तमाम कर दे. कहने का मतलब है कि आप जिस फील्ड में भी जाना चाहते है, उस फील्ड के सर्वोच्च शिखर को फतह करने की बात हर वक्त आपके दिल और दिमाग में होनी चाहिए. कामयाबी अचानक नहीं मिला करती है, उसके लिए निरंतर प्रयास करना होता है. और जब अपने लक्ष्य को पाने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए जाते है तो निश्चित तौर पर कामयाबी आपके कदम चूमती है. लेकिन हमारा दुर्भाग्य है कि आमतौर पर हम यह सब नहीं कर पाते. क्योंकि हमने जीवन के लिए कोई लक्ष्य ही निर्धारित नहीं किया होता है, जिसके फलस्वरूप हम छोटे-छोटे लक्ष्यों को पूरा करने में ही अपना वक्त लगा देते है. और फिर जब कभी हमारा सामना किसी कामयाब शख्स से होता है तो हमारे दिल में चुभन सी पैदा हो जाती है. आखिर कामयाबी ने इसकी ओर कैसे रूख कर लिया. जबकि हम सभी एक ही राह के राही थे.मसलन हमारी पढ़ाई-लिखाई, जीवन स्तर उससे बेहतर था. लेकिन हम भूल जाते है उसने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के सहारे अपने लिए नामुमकिन लक्ष्य को हासिल किया, जबकि हम सिर्फ अपने घमंड के कारण अपनी ही धुन में लगे रहे. अनेक उदाहरण मौजूद है कि जिनको कभी समाजिक तौर पर अहमियत न दी गई और उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर इतिहास बना दिया और आने वाली पीढिय़ों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए क्योंकि उन्होंने अपने लिए जिन लक्ष्यों को निर्धारित किया, वह उन्होंने हासिल भी किए. इसलिए जरूरी है कि अगर कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो सपने जरूर देखो, क्योंकि जब सपना होगा, तभी उसको पूरा करने की इच्छा होगी, और जब इच्छा होगी, तो योजना भी जरूर बनेगी और जब योजना बनेगी तो साकार भी जरूर होगी और जब योजना साकार रूप में हमारे सामने आएगी तो कामयाबी जरूर कदम चूमेगी. इसके लिए सिर्फ-सिर्फ हमको ईमानदार होनाहोगा.

रविवार, जनवरी 01, 2012

wellcome 2011

हेल्लो दोस्तों . हैप्पी न्यू इयर ..... और मैं स्वागत करता हूँ  २०१२ ..... का
और कोशिश करूँगा इस ब्लॉग पर नए और खुबसूरत  अपडेट देने का ,
और आशा करूँगा आप मेरे ब्लॉग को अधिक पसंद करने लगोगे
बस एक बात कहना चाहता हूँ
२०१२ मैं कुछ ऐसा करो की आपकी लाइफ और मज़ेदार हो जाये /
       बस ध्यान रखना आप  कुछ गलत न करे
( jindgi और ब्लोगिंग मैं जीतता वो नहीं जो सबसे आगे रहे . जीतता था तो वो है जो achha लिखे )