jo dekha wo kar dikhya
फिल्म देख कर निकलते ही दिखादी दबंग्गाई
दबंग..... फिल्म मई चुलबुल पाण्डेय का किरदार तो आपको याद ही होगा
वही, पुलिसे वाला जो दबंगई से हर काम करता है जो उसे पसंद हो
बिलासपुर के SP जयंत थोरात और उनके सिपाही इस किरदार से इतना प्रभाबित हुए
की फिल्म KHTM होने तक खुद को चुलबुल पाण्डेय समझने लगे
१३ सितम्बर को फिल्म छुटने के बाद जव दखा मुक्की हुए तोसिनेमा हॉल के गार्ड ने उन्हें अनजाने मई रोक लिया
ये बात SP और उनके सिपाही को अछी नहीं लगे और उन्होंने GARD को बुरी तरह पीटा
और उस गार्ड हॉस्पिटल मई मृत घोषित कर दिया
ये घटना अफसरों की बेद्देर्दी साफ़ जाहिर करता है
हा दोस्तों मै समझता हु लोगो को दबंग बनना चाहिए पर कमजोरो पर ताकत अजमाने के लिए नहीं
बल्कि बुराई को झुकाने के लिए दबंग बनो
सुच बोलने वाले दबंग बनो
कमजोरो की मदद करने वाले दबंग बनो
देश का नाम रोसन करने वाले दबंग बनो
फिर दबंग कहलाने मै बड़ी ख़ुशी होगी .
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